फिर से निकलेंगे तलाश-ए-ज़िन्दगी में
दुआ करना इस बार कोई बेवफा न निकले
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वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से,
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए।
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तू भी आईने की तरह बेवफा निकला,
जो सामने आया उसी का हो गया।
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मत रो किसी बेवफा को याद करके,
वो खुश है तुझे यूँ बर्बाद करके।
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