मैं नेता हूँ – Rajniti Shayari
मैं नेता हूँ, मुझसे ऐसे ऐसे वक्तव्य दिलवाये गए,
कहा गया, कोई बखेड़ा हो तो कह देना
मेरी बात के गलत अर्थ लगाए गये।
मैं नेता हूँ, मुझसे ऐसे ऐसे वक्तव्य दिलवाये गए,
कहा गया, कोई बखेड़ा हो तो कह देना
मेरी बात के गलत अर्थ लगाए गये।
किसी पर इतना प्यार इस जन्म में आया है,चाय की चाह ने मुझे इस कदर दीवाना बनाया है। Ravindra Sudan
किसी को शराब, किसी को पैसे, पद,
प्यार का नशा है,
मुझे कहने में शर्म नहीं,
चाय बिना मेरी यही दशा है।
हर बार की तरह इस बार भी,
कोई बहाना ना बनाना,
चाहे जो हो मजबूरी,
चाय जरूर पिलाना।
जो ना लिख सका था डायरी में
सब लिख डाला शायरी में
ना वो जीते ना मैं हारा,
खेल ख़त्म हुआ बराबरी में।।
लोग कहते हैं तेरे जीवन में तन्हाई बहुत हैं,
कैसे उन्हें बताएं ठोकरे हमने खाई बहुत हैं..
अब कौन मुझसे लडेगा,
किस किस से हिसाब चुकता किया जाए,
अब थक चूका हूँ मैं भी,मौत आती है तो आ जाए .,
बहुतो को हंसाया ,बहुतो को रुलाया,
पर जिया अपनी मस्ती में,
आ गया हूँ मैं भी अब तो,शायरों की बस्ती में ….
ज़िन्दगी भर इंतज़ार किया ‘
अपनी जिंदगी’ का जब मेरी ज़िन्दगी आई,
ना जाने कहाँ से उसके पीछे बिन बुलाये मेरी मौत चली आई।
जल रहे थे, जिन्दा मुर्दे, कुछ कब्र में कुछ शमशान में,
क्योंकि हमारी शख्सियत ही ऐसी थी,
जिए शान में, मरे तो शान में।