मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको,
हमारा ये पैगाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
प्यार के पन्नों से भरी किताब हो तुम,
रिश्तों के फूलों में गुलाब हो तुम,
कुछ लोग कहते हैं की प्यार सच्चा नहीं होता,
उन लोगों के हर सवाल का जवाब हो तुम,
मेरी जान हो तुम॥
जी भर के देखूँ तुझे अगर तुझको गवारा हो,
बेताब मेरी नजरें हों और प्यार तुम्हारा हो,
जान की फिकर हो ना जमाने की परवा,
एक तेरा प्यार हो और तू सिर्फ हमारा हो।