रंग बदलती दुनियाँ देखी देखा जग व्यव्हार,
दिल टुटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा प्यार.
दोस्तों ये दुनियाँ मोह माया की है और इंसान यहाँ अपने मतलब के लिये जीते है अपने मतलब के लिये किसी के लिए कुछ करते है यहाँ रह कर इंसान सिर्फ दुसरो के बारे में गलत भावना ही रख सकता है बेमतलब किसी की मद्दत नहीं करता दोस्त्तो पर भगवान् की भक्ति निस्वार्थ है जिसे हम पवित्र मन से करते है जिसमे इंसान के चरित्र का निर्माण होता है वो अच्छी बाते सोचता है.
लेकिन दोस्तों भगवान् को याद करने के लिये किसके पास समय है सब अपनी अपनी उलझनों में पड़े है हुए है आज भाई भाई का नहीं सोचता तो भगवान् का कौन सोचता है ,लेकिन सुख और समृधि भगवान से ही मिलता हैः ये बाते हम भूल जाते है लेकिन हमें उपर वाले का याद तब आता है जब हम किसी संकट में होता है दोस्तों तब हम उनसे प्यार करने लगते है दोस्तों धन्यवाद दोस्तों.