एक सपना सजाया था आपको पाने की,
आहट पढ़ लेता था आपके आने की।
मै मानता हूँ, मजबुरयां थी आपकी कुछ,
फिर भी क्या डर इतना इस जमाने की।
एक सपना सजाया था आपको पाने की,
आहट पढ़ लेता था आपके आने की।
मै मानता हूँ, मजबुरयां थी आपकी कुछ,
फिर भी क्या डर इतना इस जमाने की।
मुझे बस ये एक रात नवाज दे,
Dev Aggarwal
फिर उसके बाद सहर ना हो,
मेरी तरस्ती रूह को लगा गले,
की फिर बिछड़ने का डर ना हो ।
By Ravinder Sudan
खामोश मोहब्बत का एहसास है वो,
मेरे ख्वाहिश मेरे जज़्बात है वो,
अक्सर ये ख्याल क्यूँ आता है दिल में,
मेरी पहली और आखिरी तलाश है वो।
इक इश्क की बीमारी ,
Ravindar Sudan
जिसमें ज़िन्दगी हमने गुजारी ।
उनसे तो इतना भी न हुआ,
कभी तबीयत पूछ लेते हमारी।।
रब का मैं करता हु शुक्रिया जो तुमको मुझे मिला दिया,
आवारा था मैं पहले जिसे मोहब्बत का जाम पिला दिया,
अजीब सी दर्द होती हैं इस छोटी सी धड़कन में क्यों,
खुशियों की तुम परी जिसने खुशियाँ हि खुशियाँ दिला दिया,