बेदरदों की दुनिया मे सुकून चाह राहा हूँ,
जिनकी आंखे नम है उनसे मुस्कान मांग राहा हूँ.
ना मिले बेवफावों की महफ़िल मुझे खुदा,
मै तो वफ़ा की तनहाई मांग राहा हूँ..
बेदरदों की दुनिया मे सुकून चाह राहा हूँ,
जिनकी आंखे नम है उनसे मुस्कान मांग राहा हूँ.
ना मिले बेवफावों की महफ़िल मुझे खुदा,
मै तो वफ़ा की तनहाई मांग राहा हूँ..
किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है,
तड़पकर यह मुझे दर्द दे रही है,
दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया,
फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है.
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है.
आज हम उनको बेवफा बता कर आये हैं,
उनकी खतों को पानी में बाह्य कर आये हैं,
पानी से कोई निकाल ना ले,इसलिए हम
आज पानी में भी आग लगा कर आये हैं।
आज अचानक तेरी यादों ने मुझे रुला दिया,
क्या करू तूने जो मुझे भुला दिया,
ना करती वफ़ा न मिलती सजा,
शायद तेरी वफ़ा ने मुझे बेवफा बना दिया।