मत कर मोहब्बत मेरे दोस्त यूँही तड़पता रह जाएगा,
गमों का बादल तेरे ऊपर यूँही बरसता रह जाएगा,
प्यार तो सिर्फ दो पल की खुशी है,
फिर बाद में यही खुशी के लिए यूँही तरसता रह जाएगा।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता है,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता है,
बर्बाद हो गये उनकी मोहब्बत में ,
और वो कहते हैं की इस तरह प्यार नहीं होता है ।
एक अजीब दास्तां हैं,मेरे अफ़साने की,
मैंने पल पल की कोशिश,उसके पास जाने की,
नसीब थे मेरी या साजिश जमाने की,
दुर हुई मुझसे उतनी,जितनी उम्मीद थी करीब आने की।
सदीयो से जागी आँखो को, एक बार सुलाने आ जाओ,
माना की तुमको प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाऔ
जिस मोङ पे हमको छोङ गये, हम बैठे अब तक सोच रहे
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ!
बिना बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ कर उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी खवाईश तो पूरी कर दी।
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता,
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल से,
वरना गोरी राधा साँवले कृष्णा की दीवानी नहीं होती।